*Guru Gyan:* _(Shiv Sutra_6.5)_ अगला सूत्र है... महाह्रदानुसन्धानान्मन्त्रवीर्यानुभवः। हर कोई मंत्र की महिमा और शक्ति नहीं जानते। मंत्रों का अनुभव उन्हीं को होता है जो जागे हुए है। ध्यान और सुदर्शन क्रिया करने से पहले सत्संग का आनंद इतना नहीं आता था जितना ध्यान और क्रिया करने के बाद आता है। जब भाव बढ़ा, महतत्व का अनुभव हुवा....मैं कौन हूँ यह अपने आप से पूछने लगें तो जागरण होने लगा। वेदों में एक श्लोक है.... जो जागा हुवा है उनके तरफ ऋचाएं, मंत्र दौड़ने लगते है। एक एक मंत्र, शब्द मे शक्ति है, तरंग है ...जब तुम ध्यान करते हो, अंतर्मुख होते हो, आत्मतत्व को जानने लगते हो... तभी तुम तरंग का अनुभव कर सकते हो, मंत्रों।मे जो ताकद है, वीर्य शक्ति है उसे महसूस कर पाते हो। इसीलिए कोई भी मंत्र जाप करना हो तो ध्यान करो ऐसे बोलते हैं। इसे अंगन्यास, करंन्यास कहते है...अपने अंग के हरएक भाग के ऊपर ध्यान ले जाओ, शरीर के हर एक अंग मे भगवान को।बिठाओ। आंचमन करके अपने शरीर मे विशालता का अनुभव करो, अनंत शक्ति का अनुभव करो। अच्युत, आनंद औऱ गोविंद के नाम से आंचमन करते है, ऐसा समझते है ये सब मेरे भीतर है। पूरे शरीर के एक एक अंग के ऊपर ध्यान ले जा के, उनको महसूस कर के फिर शांत हो जाते है। ध्यानं निर्विषये मनः... मन में कोई विचार ना हो, कोई विषय ना हो...यही ध्यान है। _
Shiv Sutra_6.5_ The next sutra is… Mahahradanusandhananamantraviryanubhavah. Not everyone knows the glory and power of the mantra. Mantras are experienced by those who are awake. Prior to performing meditation and Sudarshan Kriya, the joy of satsang was not as much as that which comes after meditation and Sudarshan Kriya. When the feeling increased, I realized the importance… .When I started asking myself who I am, I started awakening. There is a shloka in the Vedas… Who has awakened, chants, spells start running towards him. Each mantra, there is power in the word, there is a wave ... When you meditate, you are introverted, you begin to know the soul ... only then you can experience the wave, the mantras. The strength that I have, the power in it... You can feel it. That is why, if you want to chant the mantra, then meditate, you speak like this. This is called Anganyas, Karyanas… feel every part of your body, place God in every part of the body. Feel the vastness in your body, feel infinite power. Achyut, Anand and Govind, do feel like this, they think that all this is within me. After taking care of every part of the whole body, after feeling them, they become calm again. Meditation, uninterrupted mind: ... there should be no thought in the mind, there should be no subject ... this is meditation.