*Guru Gyan:* _(Shiv Sutra_5.1)_ मन की स्थिति के अनुसार हम ग्रहण करते है। देखनेवाले के आँखों में सुंदरता है...मन मीठा तो जग मीठा। और जब तब मन अपने हृदय में डुबकी नही लगाता तब तक वह मीठा नहीं हो सकता। जब चित्त, मन दिल में डूबता है तब जो भी देखते है वह अपना लगता है, अपनापन का उदय होता है, सारा दृश्य सजीव हो उठता है। एक वैज्ञानिक के दृष्टिकोण से देखें तो हर चीज एक वस्तु है ....और आध्यात्मिक य्या भाव से देखो तो हर चीज जीवंत है। इसीलिए बच्चे चाँद को चांदमामा बोलते है। सारा संसार अपना लगना लगें इसके लिए उपाय ये है कि दिल से देखना शुरू करो। जब हम ध्यानस्थ होते है, चित्त को दिल में रखके लय होते हो तब अपनापन उदय होता है, सब कुछ अपना ही अंग लगना लगेगा। शुद्ध1 तत्व से देखने से अपशु शक्ति का उदय होता है। शक्ति में दो प्रकार है...पशु शक्ति और अपशु शक्ति। पशु शक्ति आक्रामक शक्ति है। अपशु शक्ति जीवंत शक्ति है। पशु शक्ति सीमित होती है, आक्रोश से भरी हुई है। पर अपशु शक्ति सहज है, सजग है, अलौकिक है। शुद्ध तत्व से जब देखते है परायापन नहीं लगता, अपनापन लगता है....तब अपशु शक्ति जागृत होने लगती है। इसीलिए बच्चे चाँद को चांदमामा बोलते है। सारा संसार अपना लगना लगें इसके लिए उपाय ये है कि दिल से देखना शुरू करो। जब हम ध्यानस्थ होते है, चित्त को दिल में रखके लय होते हो तब अपनापन उदय होता है, सब कुछ अपना ही अंग लगना लगेगा। शुद्ध तत्व से देखने से अपशु शक्ति का उदय होता है। शक्ति में दो प्रकार है...पशु शक्ति और अपशु शक्ति। पशु शक्ति आक्रामक शक्ति है। अपशु शक्ति जीवंत शक्ति है। पशु शक्ति सीमित होती है, आक्रोश से भरी हुई है। पर अपशु शक्ति सहज है, सजग है, अलौकिक है। शुद्ध तत्व से जब देखते है परायापन नहीं लगता, अपनापन लगता है....तब अपशु शक्ति जागृत होने लगती है।
Shiv Sutra_5.1_ We understand things according to the state of mind. There is beauty in the eyes of the beholder ... the mind is sweet and the world is sweet. And when the mind does not dive into its heart then it cannot be sweet. When the mind is drowned in the heart, then everyone who sees it feels his own, a sense of belongingness arises, the whole scene becomes alive. From the point of view of a scientist, everything is an object… and if you look at it spiritually, then everything is alive. That is why children call the moon Chandmama. Let the whole world start feeling like this, the solution is to start watching from the heart. When we are meditating, keeping the mind in the heart, then there is a sense of belongingness, then everything will start its own part. Seeing from the pure element gives rise to the Apashu power. Shakti has two types ... Pashu power and Apashu power. Pashu power is aggressive power. Apashu Shakti is a vibrant power. Pashu power is limited, full of resentment. But Apashu Shakti is effortless, alert, supernatural. When you see the pure element, there is no alienation, there is familiarity ... then the Apashu power starts awakening.