Do not follow me. In fact, you cannot follow me, because I am behind you to push you forward!
April 22, 1998,
Zen Monastery
Blois,
France.
Do Not Follow Me
Do not follow me. In fact, you cannot follow me, because I am behind you to push you forward! You have to leave everything behind & move ahead. All your past experiences, your relations- everything- is part of the past.
Leave the whole world of your memories behind- including me. Drop everything. I am there behind you. Move on. Stop looking for more & be free! Then compassion will flow from you.
Q- When people do not follow anyone, isn't it usually out of fear or rebelliousness?
Sri Sri: One type of Do not follow comes from fear or rebelliousness. Another type comes from heightened awareness. You cannot follow me because I am behind you & I am in you. For long you have been a sheep. Now it's time to be a lion.
साप्ताहिक ज्ञानपत्र १५०
२२ अप्रैल, १९९८
फ्रांस
मेरा पीछा न करो
मेरा पीछा मत करो। वास्तव में तुम मेरा पीछा कर ही नही सकते क्योंकि मैं तो तुम्हारे पीछे हूं, तुमको आगे बढ़ाने के लिए।
तुम्हे सब-कुछ पीछे छोड़ देना है और आगे बढ़ना है। तुम्हारे सभी अनुभव, तुम्हारे नाते- रिश्ते- सब-कुछ- भूत काल के हिस्से है। अपनी स्मृतियों के सम्पूर्ण संसार को पीछे छोड़ दो- मुझको भी। सब-कुछ छोड़ दो। मैं तुम्हारे पीछे ही हूं। आगे बढ़ो। कुछ और अधिक की खोज छोड़कर मुक्त हो जाओ। तब तुम्हारे अंदर अनुकम्पा उभरकर बहेगी।
प्रश्न: जब लोग किसी का पिछा नही करते तो क्या उनका यह व्यवहार भय या विद्रोह के कारण नही?
श्री श्री: एक प्रकार का ' पीछा न करो' भय या विद्रोह से आता है; दूसरा आता है उन्नत सजगता से।
तुम मेरा पीछा कर ही नही सकते क्योंकि मैं तुम्हारे पीछे हूं और तुम्हारे अंदर हूं ।
दीर्घकाल से तुम भेड़ बने हुए हो।
अब समय आ गया है शेर बनने का।
...Gurudev Sri Sri Ravi Shankarji