Singapore
12 Apr 2001
Singapore
DEALING WITH BLAME AND ACCUSATION
When someone blames you, you feel a heavy load on your head, and when you talk about it you spread the unpleasant feeling all around you. At this moment wake up and see you are Being and nothing can touch you. This is all just a drama, which you yourself have created. You have gone through this over and over again. All the blames you face in your life are your own creation. Knowing this, you feel free and light.
Owning responsibility for all your experiences in life makes you powerful and will put an end to grumbling, planning counter attacks, explanations, and all those host of negative tendencies. Owning full responsibility you become free.
When someone blames you, directly or indirectly, what do you do?
Do you register it in your mind and get emotionally upset?
Do you dismiss them altogether without taking a lesson from it?
Do you talk about it with people and waste your time and otherÒ³ time and money?
Do you pity yourself and blame your shortcomings?
Do you blame the other person right, left and center?
Do you generalize and eternalize the problem?
Then you are not living up to the knowledge. You need to do the basic course at least half a dozen times and read all the previous knowledge sheets.
Do you laugh at it and not even take notice of it?
Do you treat it as a non-event, not even worth talking about, let alone taking any action?
Do you treat comments and accusations as passing clouds and more of an entertainment?
Do you discourage dwelling on unpleasant and negative moments?
Do you remain non-judgmental and absolutely unshaken in your space of love?
Outwardly you may be calm, but do you also remain centered and calm within you and not even take pride in your growth or wisdom?
Then you are a pride to your tutor - the Master.
You cannot take credit for loving Guruji or any wise person, as you have no choice at all as it will happen against all odds!
To love someone whom you like is not a big deal at all.
To love someone because they love you, you get zero marks.
To love someone whom you do not like, you have learned a lesson in life.
To love someone who blames you for no reason, you have learned the art of living.
🌻Jai Guru Dev🌻
*Hindi translation*
साप्ताहिक ज्ञानपत्र ३००
१२ अप्रैल, २००१
हवाई
आरोपों और प्रत्यारोपों से निपटना
जब कोई तुम्हारे ऊपर आरोप लगता है, तुम्हे अपने सिर पर एक बोझ महसूस होता है। जब तुम इसके बारे में बात करते हो अपने चारों ओर नकारात्मक भावनाओ को फैलाते हो। इस समय तुम सजग होकर। इस बात पर ध्यान दो की तुम एक अस्तित्व हो जिसे कोई छू नही सकता। यह एक नाटक है जिसे तुमने स्वयं ही रचा है।। इससे तुम कई बार गुजरे हो। वे दोषारोपण जिनका तुम जीवन मे सामना करते हो वे सब तुम्हारे अपने ही बनाए हुए है। इस प्रकार समझने पर तुम मुक्त और हल्का महसूस करते हो।
जीवन के सभी अनुभवों के लिए स्वयं को ही जिम्मेदार समझने से तुम शक्तिशाली होते हो और शिकायतों, प्रत्यारोपो की योजना, स्पष्टीकरणों और कई नकारात्मक प्रवृत्तियों का अंत हो जाता है। सम्पूर्ण जिम्मेदारी लेने से तुम मुक्त हो जाते हो।
जब कोई तुम्हे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दोषी ठहराते है तब तुम क्या करते हो?
# क्या तुम इसे अपने मन मे बैठा लेते हो और भावनात्मक तौर पर दुखी हो जाते हो?
# क्या तुम बिना सीख लिए ही दोषारोपण करने वाले को और उसके आरोपो दोनो को नकार देते हो?
# क्या तुम लोगो से इसके बारे में बात में बात करके अपना और दूसरों का समय एवं धन नष्ट करते हो?
# क्या तुम्हें अपने आप पर तरस आता है और अपनी कमियों को दोषी ठहराते हो?
#क्या तुम दूसरे व्यक्ति को दोषी ठहराते हो?
# क्या तुम समस्या को नित्य और व्यापक बनाते हो?
जब ऐसा होता है तब तुम ज्ञान को ठीक से नही जी रहे हो। तुम्हे कम से कम छः बार जीवन जीने की कला का कोर्स करने की आवश्यकता है और सभी साप्ताहिक ज्ञान पत्रों को पढ़ने की जरूरत है।
#क्या तुम इस पर हंसते हो और उसकी ओर ध्यान नही देते ?
# क्या तुम ऐसे व्यवहार करते हो जैसे कुछ हुआ ही नही और उसके बारे में कुछ करना या कुछ बात तक करना उचित नही समझते?
# क्या तुम टिप्पणियों और दोषारोपणों को एक मनोरंजन और गुजरते हुए बादल के समान समझते हो?
# क्या तुम असुखद और नकारात्मक क्षणों को बढ़ावा नही देते?
# क्या तुम अनिर्णीयतमक रहते हो तथा अपने प्रेम के वातावरण को डगमगाने नही देते?
# बाहर से तुम शांत हो सकते हो परंतु क्या तुम अंदर से भी केंद्रित और शांत रहते हो और तुम्हे अपनी बुद्धिमत्ता और विकास पर घमंड भी नही होता?
तब तुम अपने शिक्षक या गुरु के लिए एक गर्व है।
किसी ज्ञानी या गुरुजी म प्रेम करने का श्रेय तुम नही ले सकते। चाहे कितनी भी कम संभावनाए हो, वह तो होगा ही- तुम्हारे पास कोई विकल्प है ही नही।
तुम जिसको पसंद करते हो उसको प्रेम करना कोई बड़ी बात नही। कोई तुन्हें प्रेम करता है, इसलिए तुम उसे प्रेम करो तब भी इसके जीरो नम्बर तुम्हे मिलेंगे।
तुम्हे जो नापसंद है उन्हें प्रेम करने का अर्थ है तुमने जीवन से कुछ सीखा। जो तुम पर बिना किसी कारण के आरोप लगाए, उनको प्रेम करने का अर्थ है तुमने जीवन जीने की कला सीख ली।
🌻जय गुरुदेव🌻